Jaivik Kheti करने वाले किसानों कि उपज खरीदेगी सरकार 20% अधिक कीमत पर।
Jaivik Kheti के लिए प्रोत्साहित करेगी सरकार।
किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके और किसानो की आमदनी बढ़ सके। इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। किसानों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचे इसके लिए सरकार कार्यरत है। किसी के चलते हरियाणा सरकार किसानों को और कृषि को मजबूत बनाने हेतु अब क्लस्टर मोड पर चलकर पायलट परियोजनाओं की रूपरेखा बनाने जा रही है। जिसमें नई फसल का विविधीकरण, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति, पशु नस्ल सुधार व कृषि यंत्रणा इन सब गतिविधियों पर विचार विमर्श कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कई योजनाओं के बारे में खुलासा किया है। जिसमें Jaivik Kheti, प्राकृतिक खेती व सरकारी खेती और किसानो की आय को बढ़ाने में हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण में नई-नई योजनाएं बनाने में लगी हुई है। ऐसा उन्होंने जनरल बॉडी के तीसरी बैठक के बाद कहा
सहकारी खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी सरकार।
मुख्यमंत्री ने कहा छोटी-छोटी बटी जा रही भूमि को देखते हुए। इसराइल के बारे में बताते हुए,सहकारी खेती करने के लिए अधिक से अधिक किसानों को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा अगर किसानों को अपनी आय बढ़ानी है। तो किसानी के साथ-साथ पशुपालन यह भी एक बेहतर विकल्प है। किसानों को साथ मिलकर सहकारी खेती को बढ़ावा देना चाहिए। आज जो छोटी-छोटी जमीन के टुकड़े हैं। यह भाइयों में बटते जा रहे हैं इसको देखते हुए हम सभी किसान भाइयों को सहकारी खेती करने की जरूरत है। तभी हम भूमि की समस्या खत्म कर पाएंगे। और तभी हम खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। इसके लिए प्राधिकरण संबंधित विभागों के साथ मिलकर पायलट योजनाएं तैयार कर रही है।
जैविक फसलों की खरीदारी होगी MSP से अधिक दामों पर।
मुख्यमंत्री ने कहा अगर हमारी भूमि स्वास्थ्य है। तो अनाज की गुणवत्ता भी अच्छी रहेगी। आज उर्वरक तथा किटकनाशकों का इतना इस्तेमाल हो रहा है। इसकी वजह से गंभीर से गंभीर बीमारियां बढ़ती जा रही है। इसलिए किसान भाइयों को केमिकल रहित खेती करनी होगी। और केमिकल रहित अनाज पैदा करने की और बढ़ना पड़ेगा। इसका उपाय सिर्फ प्राकृतिक खेती है। जो गांव केमिकल रहित खेती करेगा। उस गांव के हर किसान की फसल सरकार खरीदेगी। और इसकी खरीदारी सरकार ही सुनिश्चित करेगी। इसके लिए MSP के अलावा 10 से 20% अधिक कीमतों पर खरीदी की जाएंगी।
समेकित खेती के लिए डेमोंसट्रेशन फॉर्म किया जाएगा तैयार।
सरकार ने नई योजनाएं तैयार की है। ताकि किसान परंपरागत खेती छोड़कर अन्य फसल की ओर जा सके। इसलिए राज्य सरकार ने फसल विविधीकरण, मेरा पानी मेरी विरासत योजना, डीएसआर के तकनीक से धान की बिजाई ऐसी योजनाओं में सरकार प्रोत्साहन दे रही है। मुख्यमंत्री ने डेमोंसट्रेशन फॉर्म तैयार करने के लिए कहा है। और समेकित खेती के लिए किसानों को विस्तृत जानकारी देने के लिए भी कहा है।
कृषि नलकूपों पर सरकार लगाएगी सोलर पंप।
मनोहर लाल खट्टर ने कहा हमें सुक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं स्थापित करनी पड़ेगी। क्योंकि भूजल स्तर कम होता जा रहा है। कई जगहों पर पानी 100 मीटर से भी ज्यादा गहराई पर चला गया है। और कुछ क्षेत्रों में पानी हर साल 10 मीटर से नीचे जा रहा है। सरकार कृषि नलकूपों को शत प्रतिशत सौर ऊर्जा के लिए सब्सिडी देने को तैयार है। पानी और बिजली पर जो भी खर्च होगा सरकार उसे भरने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा पहाड़ों और पर्वतों से आने वाले पानी को सुरक्षित करने के लिए रिजर्वायर बनाया जाए जाना चाहिए। ताकि उस पानी को एकत्रित करके उस पानी से सिंचाई हो सके, और अन्य संसाधनों के लिए इस्तेमाल हो सके। उन्होंने जल सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए और पायलट परियोजना तैयार करने के लिए कहा।
पेड़ की देखभाल के लिए सरकार देगी पैसा।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारी को एसओपी तैयार करने को कहा है। जिसके चलते ग्रीन कवर को बढ़ावा मिलेगा। जिसके तहत स्थानीय युवा वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधे की 3 साल तक देखभाल करेगा। देखभाल करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप में ₹10 प्रति पेड दिया जाएगा। इसके लिए हर गांव में 500 से 700 पेड़ों को चिन्हित करके वन मित्रों को सौंपा जाएगा।


