भारत में Matar ki kheti रबी मौसम में की जाती है। यह एक सब्जी फसल के रूप में उगाई जाती है। इसकी हरि फलियों का इस्तेमाल सब्जी के रूप में भी किया जाता है। और सुखी फलियों का इस्तेमाल दाल एवं ऑफ सीजन उपयोग होता है। मटर की खेती किसानों को बहुत मुनाफा कमा कर देती है। और इस खेती से जमीन को बहुत पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इसमें मौजूद राइबोझियम जीवाणु भूमि की उर्वराशक्ति बढ़ाकर उपजाऊ बनाने में सहायता करती है।
भारत में लगभग लगभग सभी राज्यों में Matar ki kheti की जाती है। परंतु उत्तर प्रदेश मटर की खेती करने पर प्रमुख स्थान दर्शाता है। भारत में मटर की खेती 7.9 लाख हेक्टर भूमि पर की जाती है। इसमें सालाना उत्पादन 8.3 लाख टन होता है। उत्तर प्रदेश में 4.34 लाख हेक्टर में Matar ki kheti की जाती है। इसके अलावा महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार इन क्षेत्र में भी Matar ki kheti की जाती है। किसान भाई ऐसे ही मटर की खेती करना चाहते हैं तो इस लेख की मदद से आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Matar ki kheti - मटर की खेती गर्मियों में भी
भूमि की तैयारी
Matar ki kheti करने के लिए जमीन का पीएच 6.5 से लेकर 7.5 तक होना चाहिए। मटर की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है। Matar ki kheti के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी गई है। खरीफ मौसम की फसल निकालने के बाद खेत में कल्टीवेटर या रोटावेटर कर लेना चाहिए। और सारी खरपतवार को जला देना चाहिए। एक दो बार जूताई करके जमीन को उल्टा पलट कर लेना चाहिए। जमीन में ढेले बनी है, तो उसे तोड़ देना चाहिए।फसल की तैयारी
मटर की फसल रबी हंगाम में की जाती है। इसलिए जब खरीफ हंगाम की फसल निकलती है। तब रबी की फसले उगाई जाती है। खरीफ हंगाम में ज्यादातर नगद फसल ली जाती है। जैसे कपास, सोयाबीन, धान, मक्का, यह सब खरीफ में उगाई जाने वाली फसल है। वही रबी मौसम में ज्वार, गेहूं, चना, मटर ,सरसों, मूंग यह सभी रबी की फसल है। मटर को अंतर फसल के रूप में भी बोया जाता है।Matar ki kheti के लिए उपयुक्त जलवायु
मटर की खेती 22 से 25 डिग्री तापमान में की जाती है। ठंडी के मौसम में उगाई जाने वाली फसल है। उस समय ठंडी का मौसम होने की वजह से तापमान में शीतलता होती है। ऐसा जलवायु मटर की खेती के लिए उपयुक्त होता है। अक्टूबर नवंबर में बुवाई करना मटर की खेती के लिए उपयुक्त माना गया है।मटर की किस्म
जल्दी पकने वाली किस्मआर्किल : मटर की यह किस्म 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती है। यह एक विदेशी किस्म है। उसका कच्ची हरि फली में सब्जी के रुप में उपयोग किया जाता है। यह किस्म प्रति हेक्टर 8 से 10 टन पैदावार देती है।
काशी नंदिनी, काशी मुक्ति, काशी उदय, काशी अदिति, यह सब जल्दी पकने वाली किस्म है।
पोजी 3 : यह किस्म काफी जल्दी पक जाती है। और सब्जी तथा कच्ची खाने में भी इस्तेमाल की जाती है।
पंजाब 88 : यह किस्म 80 90 दिनों में तैयार हो जाती है। खाने में मीठी होती है। इसकी वजह से लोग इसे बहुत पसंद करते है। इसलिए मीठी फली के नाम से जानते हैं। यह किस्म प्रति एकड़ 45 से 50 क्विंटल उपज देती है।
अन्य किस्म : मटर आगेता, जवाहर मटर 3, जवाहर मटर 4, पंत मटर 2
बुवाई का समय और बुवाई कि दुरी
मटर की फसल रबी मौसम में कि जाती है। अक्टूबर नवंबर माह में बुवाई करना उपयुक्त माना गया है। बुवाई करते समय बीज को 3 से 4 सेंटीमीटर गहराई में होना चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी 30 से 35 सेंटीमीटर होनी चाहिए।बीज उपचार एवं बीज मात्रा
बीज उपचार के लिए केप्टान या थीरम का इस्तेमाल करना चाहिए। 3 ग्राम थीरम या कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज को लगाकर बीज को उपचारित करना चाहिए। जिससे बीज कि अंकुरण क्षमता बढ़ती है। और पैदावार में भी वृद्धि होती है। एक एकड़ के लिए 30 से 35 किलो बीज पर्याप्त होता है।खाद की मात्रा
खाद की मात्रा मिट्टी जांच करने के बाद तय करनी चाहिए। मटर की खेती के लिए प्रती एकड़ यूरिया 20 किलो, फास्फेट 25 से 30 किलो, डीएपी 20 किलो, बुवाई के समय देना चाहिए, तथा सड़ी हुई गोबर की खाद खेत जुताई के समय खेत में फेंक देनी चाहिए।खरपतवार नियंत्रण
Matar ki kheti में खरपतवार नियंत्रण करना अति आवश्यक होता है। क्योंकि मटर एक बेलवर्गीय पौधा होता है। और जमीन पर फैलता है। और खरपतवार ऊपर बढ़ती है। इसलिए मटर को पूरी तरीके से ढक सकती है। इसलिए खरपतवार को निकालना आवश्यक हो जाता है। वक्त पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।सिंचाई
Matar ki kheti को सिंचाई का बहुत महत्व है। बुवाई के पहले सिंचाई कर देनी चाहिए। बाद में बुवाई के बाद 15 से 20 दिनों बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। मिट्टी में नमी बनी रहे इसलिए 20 से 25 दिन बाद फिर से सिंचाई कर देनी चाहिए। ऐसे में पूरी फसल में 2 से 3 बार सिंचाई करनी चाहिए।रोग एवं कीट
रतुआ : इस रोग की वजह से मटर के पत्ते गिरने लगते हैं। पत्तों पर हल्दी के रंग के फफोली बनकर पत्ते सूखने लगते हैं। इसके नियंत्रण के लिए मालवीय मटर लगाना चाहिए।चांदनी रोग : फसल पर गोल-गोल धब्बे आते हैं और पौधे के तने को नष्ट करने लगते हैं। और पूरे पौधे को नष्ट करने तक यह रोग नही रुकता है। इसके नियंत्रण हेतु 80 ग्राम थीरम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
फसल में फल छेदक सुंडी का प्रकोप बढ़ता रहता है। इसकी वजह से फसल का बहुत नुकसान होता है। इस इल्ली को कंट्रोल में रखने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट का इस्तेमाल 10 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी के साथ करना चाहिए।
कीटों की संख्या बढ़ रही है, तो किसान भाई इंसेंक्ट ट्रैप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी वजह से किड तुरंत ही कंट्रोल में आ जाती है।
उपज/पैदावार
किसान भाई अच्छी किस्म का चयन करें। और दिए गए जानकारी के अनुसार Matar ki kheti करते हैं, तो प्रति हेक्टर में हरी फली की पैदावार 150 से 160 क्विंटल ले सकते हैं। और सूखी हुई मटर की बात कर तो एक हेक्टर में 25 से 30 क्विंटल पैदावार होती है।निष्कर्ष
किसान भाई दिए गए जानकारी के अनुसार तथा अच्छी किस्म का बीज एवं खाद तथा सिंचाई कीट प्रबंधन अच्छी तरीके से करते हैं। तो एक एकड़ में 1 से 1.5 लाख रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं।FAQs
Que 1. मटर की बुवाई कौन से महीने में की जाती है?Ans मटर की खेती रवि मौसम में की जाती है इसलिए मटर की बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच में करना उपयुक्त माना जाता है
Que 2. एकड़ में कितना मटर बोया जाता है?
Ans 1 एकड़ मटर की खेती के लिए 25 से 30 किलो बीज आवश्यक होता है
Que 3. मटर की पैदावार कितनी होती है?
Ans अगर हरी मटर की बात करें तो एक हेक्टर में 100 से 150 क्विंटल पैदावार होती है और सूखी हुई मटर की बात कर तो एक हेक्टर में 25 से 30 क्विंटल पैदावार होती है।
Que 4. Matar ka सबसे अच्छा बीज कौन सा है?
Ans आर्किल,काशी नंदिनी, काशी मुक्ति, काशी उदय, काशी अदिति, यह सब अच्छा बीज और जल्दी पकने वाली किस्म है।
Que 5. मटर कब बोना चाहिए?
Ans मटर की खेती के लिए 15 अक्टूबर से 15 नवंबर का समय बुवाई के लिए अच्छा माना गया है।
Que 6. क्या हम गर्मियों में हरी मटर उगा सकते हैं?
Ans हाँ, भारत में कई जगह पर गर्मियों में भी मटर उगाई जाती है। इसके लिए सिंचाई का प्रबंधन अच्छी तरह से होना चाहिए।
Que 7. क्या मटर के बीज बोने से पहले सूखने चाहिए?
Ans हां, मटर का बीज बुवाई से पहले सूखे हुए और बीज उपचार के बाद ही बुवाई करनी चाहिए।
Que 8. मटर का पौधा कितने दिन में निकलता है?
Ans मटर की खेती रबी मौसम में की जाती है। मटर की फसल 100 से 120 दिनो में तैयार हो जाती है।
Que 9. मटर में पहला पानी कितने दिन में देना चाहिए?
Que 10. मटर को कौन सी मिट्टी में उगाया जाता है?
Ans मटर की खेती के लिए जमीन का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच में होना चाहिए। मटर की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी गई है। और बाकी सब मिट्टी में मटर उगाई जा सकती है।
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