Ganne ki kheti - बुवाई से लेकर कटाई करने तक

गन्ना भारत में नगदी फसल के रूप में उगाया जाता है। गुढ और चीनी गन्ने से ही प्राप्त होती है। भारत में गन्ने की खेती से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार प्राप्त होता है।

    Ganne ki kheti की वजह से,भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर, सबसे बड़ा उत्पादक देश के तौर पर खड़ा है। और सबसे ज्यादा चीनी का निर्यात करने वाला देश भारत है। ब्राज़ील चीनी उत्पादक में प्रथम स्थान पर है।

    Ganne ki kheti - बुवाई से लेकर कटाई करने तक


    Ganne ki kheti - बुवाई से लेकर कटाई करने तक

    जमीन का चयन

    Ganne ki kheti  दोमट मिट्टी, काली मिट्टी, पीली मिट्टी, रेतीली मिट्टी इन सभी प्रकार के मिट्टी में की जाती है। अच्छे जल निकास वाली जमीन उत्तम होती है। जमीन में कल्टीवेटर करके बाद में रोटावेटर करके जमीन को समतल कर लेना चाहिए। गन्ने के लिए ट्रैक्टर की मदद से नाली तैयार कर लेनी चाहिए। नाली का अंतर 2 फीट तक होना चाहिए


    गन्ने की किस्में

    शीघ्रता से कटाई करने वाली किस्में

    • 7314 प्रति एकड़ उपज 300 से 350 क्विंटल।
    • को. 64 प्रति एकड़ उपज 300 से 350 क्विंटल।
    • कोसी. 671 प्रति एकड़ उपज 350 से 400 क्विंटल।

    लंबा समय लेने वाली किस्में

    • को. 6304 प्रति एकड़ उपज 350 से 400 क्विंटल।
    • को. 7318 प्रति एकड़ उपज 400 से 450 क्विंटल।
    • को. 6217 प्रति एकड़ उपज 300 से 400 क्विंटल।

    गन्ने की नई किस्में

    सीओवीसी-99463,
    सीओएलके-09204,
    सीओपीबी-94.
    यूपी (सीओए-11321)
    श्रीमुखी (सीओए-11321)
    इक्षु 4 सीओएलके-11206.
    इक्षु 5 सीओएलके-11203.
    सीओ-06022.

    बीज का चयन

    Ganne ki kheti के लिए बीज का चयन करना अति आवश्यक है। क्योंकि गन्ने की खेती बहु वर्षीय खेती है। और अगर बीज अच्छा नहीं रहा तो, हमारी खेती घाटे में जा सकती है। इसलिए गन्ने का बीज मोटा, ठोस,रोग रहित, उन्नत जाति वाला और 9 से 10 माह उम्र वाला बीज का चयन करना चाहिए।

    Ganne ki kheti  के लिए बीज की मात्रा

    अगर किसान भाई एक आंख वाला गन्ने के टुकड़े लगता है तो प्रति एकड़ 10 से 12 क्विंटल बीज लगेगा। और दो आंख वाले टुकड़े लगता है 20 से 22 क्विंटल बीज लगेगा। किसान भाई को यह याद रखना चाहिए जब बीज खरीदकर ले आए तो ज्यादा दिन तक ना रखें वरना गन्ना सूखने लगता है।

    गन्ने कि बुवाई

    अगर किसान भाई अक्टूबर नवंबर में गन्ने की बुवाई करता है, तो अधिक पैदावार ले सकता है।

    अंतरर्वतीय फसल

    जब हमारी गन्ने की फसल छोटी रहती है। तो हमें अंतरर्वतीय फसल ले सकते हैं। गन्ने के साथ सोयाबीन, आलू, प्याज, राजमा, धनिया,मूंग,उड़द और सब्जियां तथा चवली की फसल ले सकते हैं।

    उर्वरक की मात्रा

    उर्वरक की बात करें तो गन्ने की बुवाई करते समय प्रति हेक्टरी युरीया 85 से 90 किलो। सिंगल सुपर फास्फेट 500 से 550 किलो। और पोटाश 130 से 140 किलो का इस्तेमाल कर सकते हैं।

    बुवाई के बाद 6 से 8 हफ्ते के बाद यूरिया की मात्रा 320 से लेकर 340 तक देना चाहिए।

    जब हमारी फसल को 12 या 16 हफ्ते हो जाते हैं। तब पोटाश की मात्रा 140 से लेकर 150 किलो देना चाहिए।

    जब गन्ना बड़ा हो जाता है, तो बांधने की जरूरत होती है। उस टाइम युरीया 300 किलो से लेकर 350 किलो तक। सिंगल सुपर फास्फेट 500 किलो से लेकर 530 किलो तक। और पोटाश 120 किलो से लेकर 140 किलो तक देना चाहिए।

    अगर हम एक हेक्टर में कुल खाद का हिसाब करे तो युरीया 800 किलो से लेकर 850 किलो लगेगा। सिंगल सुपर फास्फेट 1000 किलो से लेकर 1050 किलो लगेगा। और पोटाश 200 किलो से लेकर 250 किलो लगेगा।

    सिंचाई

    Ganne ki kheti के लिए सिंचाई करना बहुत आवश्यक होता है। और सिंचाई कितने दिन के अंतराल पर करनी है, यह खेत के मिट्टी पर निर्भर करता है। अगर आपकी मिट्टी रेतीली है तो वहां सिंचाई की मांग अधिक रहेगी तथा अगर काली मिट्टी या फिर भारी मिट्टी है तो सिंचाई की अवधि बढ़ाई जा सकती है। अगर हम ड्रॉप सिंचाई करेंगे तो उर्वरक भी पानी के माध्यम से दे सकते हैं। हमारा मजदूरों का खर्चा बच जाएगा। तथा पानी और बिजली की भी बचत होगी। खरपतवार पर भी नियंत्रण कर सकेंगे और हमारे उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

    खरपतवार प्रबंधन

    जब गन्ने की बुवाई हो जाती है तब आने वाले 4 महीना तक हमें गन्ने का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि गन्ने की फसल छोटी रहती है। और खरपतवार गन्ने के साथ कंपटीशन करता है। इसलिए हमें खरपतवार नियंत्रण करना अति आवश्यक हो जाता है। इसके लिए हम ग्लाइफोसेट 41% SL इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन यह बहुत प्रभावि खरपतवारनाशक है। इसका इस्तेमाल करते समय गन्ने के फसल पर इसका छिड़काव ना जाये इसके लिए हुड लगाकर छिड़काव करना चाहिए। या फिर डब्लू फन एन 62 इसका भी इस्तेमाल आप कर सकते हैं। अगर आप बुवाई के बाद तीन से चार दिन बाद खरपतवार नाशक का इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो ॲट्राझीन का इस्तेमाल 40 से 50 मिली प्रति 15 लीटर पानी के साथ कर सकते हैं। या फिर मेट्रिब्युझीन 30 से 40 मीली 15 लीटर पानी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।


    अगर आपकी फसल और खरपतवार भी उगने लगे है। तो आप 2,4 डी सोडियम 50 से 65 मिली का इस्तेमाल 15 लीटर पानी के साथ कर सकते हैं।

    गन्ने के फ़सल पर लगने वाले कीट

    अग्र तना छेदक- कार्बोफ्युराॅन 3 क्र दानेदार दवा जड़ों के पास डालें 400 ग्राम प्रति एकड़।

    शीर्षतना छेदक- कार्बोफ्युराॅन 3G दानेदार दवा 400 ग्राम प्रति एकड़ जड़ों के पास डालें।

    जड़ छेदक- कार्बोफ्युराॅन 3G दानेदार दवा 400 ग्राम प्रति एकड़ जड़ों के पास डालें।

    पायरिलला -मेलीथीयान 50 EC का 0.05% या मोनोक्रोटोफॉस 36 SL का 0.04 परसेंट का स्प्रे करें।

    कंडुवा- गन्ने के बीज को एगेलाल 0.51 किलोग्राम 200 लीटर पानी में 5 मिनट डुबोकर रखें और फसल चक्र अपनायें इसके वज़ह से कंडुवा रोग खत्म हो जायेगा।

    किटकनाशक एवं प्रबंधन

    जब गन्ने में तना छेदक कीड़े नजर आए तो ट्राईकोकार्ड 10-15 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार इस्तेमाल करें। या फिर क्लोरॅनट्रॅनिलीप्रोल 80.5% SL 3 से 4 ML प्रति 10 लीटर पानी में या फिर क्लोरोपायरीफाॅस 20% EC 12 से 15 ML प्रति 10 लीटर पानी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।

    लोकरी मावा - के नियंत्रण को अगर आप रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो मित्र कीट का इस्तेमाल कीजिए। जिसमें कोनोबाथ्रा, मायक्रोमस,डिफा इन सब कीटों को प्रति हेक्टेयर 800 से लेकर 1000 तक अपने खेत में सुंडी छोड़ सकते हैं।

    मित्र कीट उपलब्ध नहीं है तो आप फोरेट 10% दानेदार हेक्टरी 15 से 20 किलो इसका इस्तेमाल 9 माह के गन्ने के लिए कर सकते हैं।


    सफेद मक्खी- का पादुर्भाव ज्यादा हो रहा है। तो उसके नियंत्रण के लिए जैविक कीटनाशक व्हर्टिसिलियम लिकॅनी प्रति एकड़ 1 किलो +1 लीटर दूध के साथ 200 लीटर पानी में 15 से 20 दिन के अंतराल में दो बार छिड़काव करें।

    उपज

    अगर किसान भाई बताए गए तरीके से गन्ने की खेती करते है। तो प्रति एकड़ 90 से 100 टन गन्ना निकाल सकते हैं।

    निष्कर्ष/Conclusion

    अगर हम बताए गए जानकारी के हिसाब से Ganne ki kheti करते हैं। तो पैसे की बचत तथा नियोजनबद्धता के साथ अच्छी फसल ले सकते हैं। और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

    Ganne ki kheti के बारे में पूछे गए सवाल
     FAQs


    Que 1.गन्ने को पकने में कितना समय लगता है?
    Ans
    9 से 10 महीने या फिर लंबे समय वाली किस्में में है, तो 12 से 14 महीने लगते हैं।

    Que 2.एकड़ में कितना गन्ना पैदा हो सकता है?
    Ans
    एक एकड़ में 350 क्विंटल उत्पादन होता है।

    Que 3.गन्ने की पैदावार कितनी होती है?
    Ans
    80-90 टन प्रति एकड उपज प्राप्त होती हैं,

    Que 4.गन्ने की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
    Ans
    गन्ने की सबसे अच्छी किस्म

    सीओवीसी-99463.

    सीओएलके-09204.

    सीओपीबी-94.

    यूपी (सीओए-11321)

    श्रीमुखी (सीओए-11321)

    इक्षु 4 सीओएलके-11206.

    इक्षु 5 सीओएलके-11203.

    सीओ-06022.

    Que 5.गन्ने में यूरिया कब डालें?
    Ans
    बुवाई और सिंचाई के पहले।

    Que 6.भारत में सबसे ज्यादा गन्ना कहाँ होता है?
    Ans
    महाराष्ट्र में 12.3 करोड़ टन की पैदावार हुई।

    Que 7.गन्ना का प्रमुख राज्य कौन सा है?
    Ans भारत में सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। इसके बाद दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र आता है। और तीसरे स्थान पर कर्नाटक आता है।

    Que 8.गन्ना का जनक कौन है?
    Ans.
    डॉ. बक्शी राम ने गन्ने की नई प्रजाति सीओ-0238 विकसित की. इसलिए पद्मश्री दिया।

    Que 9.गन्ने का कुल नाम क्या है?
    Ans
    गन्ना का वानस्पतिक नाम सैकेरम ऑफिसिनेरम है।

    Que 10.किलो गन्ने से रस कितना होता है?
    Ans
    लगभग 350 मिलीलीटर गन्ने का रस प्राप्त होता है।

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