Dhan ki kheti - धान की खेती, उन्नत खेती

Dhan ki kheti भारत में कई क्षेत्रों में की जाती है। खरीफ मौसम में मुख्य फसल के रूप में Dhan ki kheti की जाती है।‌ Dhan ki kheti में पंजाब के किसानों ने प्रयोग करके उन्नत खेती बनाई है। सबसे ज्यादा धान पंजाब में उगाया जाता है। और पैदावार भी सबसे ज्यादा मात्रा में पंजाब में होती है। भारत में मक्का के बाद बोई जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी फसल धान की फसल है। भारत में आज भी कई राज्यों में मुख्य भोजन के रूप में धान/चावल का ही इस्तेमाल होता है।

    Dhan ki kheti - धान की खेती, उन्नत खेती


    Dhan ki kheti - धान की खेती, उन्नत खेती


    धान की खेती के तरीके

    1.रोपाई
    2.सीधी बिजाई 
    3.श्री विधि 
    श्री विधि

    यह पद्धति SRI- System of Rice Intensification मादागास्कर इस देश में निर्मित हुई इस पद्धत के बारे में किसी भी देश को ज्ञात नहीं था। तो इसके बारे में हेनरी डे लॉलेन इन्होंने मेडागास्कर में संशोधन करकर 1999 में चीन के नानजिंग विद्यापीठ में इसको प्रदर्शित किया। बाद में इस पद्धत को 15 देशों ने अपनाकर अपने देश में धान की खेती शुरू की।
    इन तीनों तरीकों से आप Dhan ki kheti कर सकते हैं। पर किसान भाई सबसे ज्यादा रोपाई की पद्धत अपना कर धान की खेती करने में अपनी पसंद दिखाता है। इस पद्धति में सबसे पहले हमें नर्सरी में पौध तैयार करने पड़ते हैं।


    बीज चयन

    बीज का चयन करते समय आप किसी बीज को प्राथमिकता देना पसंद करते हैं। देसी बीज को, या फिर हाइब्रिड बीज को। अगर आप देसी बीज से खेती कर रहे हैं, और फसल अच्छी पैदावार दे रही है, तो आपके लिए वही बीज अच्छा है। अगर आप हाइब्रिड बीज को पसंद करते हैं तो आपको इसके लिए उपयुक्त जलवायु मिट्टी तथा रोग प्रतिकारक क्षमता को देखते हुए बीज का चयन करना पड़ता है। तो बीज का चयन करते समय बीज आप बासमती,काली मूछ,मोटा,मध्यान ,एचएमटी, पटेल चावल ऐसे धान में से किस की खेती करना पसंद करते हैं। यह आपको अपने मिट्टी और जलवायु के अनुसार चयन करना पड़ेगा।


    नर्सरी प्रबंधन

    अच्छे बीज का चयन करके नर्सरी डालना पड़ता है। जब हम 15 मई से 25 मई के बीच में नर्सरी उगाते हैं। तो हमारा पौध अच्छे से विकसित हो जाता है। अगर हम देसी बीज का इस्तेमाल कर रहे हैं‌। तो एक एकड़ के लिए 12 से 15 किलो बीज का इस्तेमाल करना पड़ता है। अगर हम हाइब्रिड बीज का इस्तेमाल करते हैं। तो 6 से 7 किलो बीज एक एकड़ के लिए पर्याप्त हो जाता है।

    जलवायु

    Dhan ki kheti के लिए 25 से 35 डिग्री का तापमान अनुकूल होता है। इसी तापमान में धान की वृद्धि और विकास अच्छा होता है।

    सिंचाई

    Dhan ki kheti में बरसात के समय सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। जहां पानी 2 से 4 इंच तक भरा रहता है। ऐसी जगह पर सिंचाई की कोई आवश्यकता नहीं रहती है। अगर बरसात बराबर नहीं हो पा रही है। तो हमें सिंचाई करना आवश्यक हो जाता है। इसके लिए हमें सात आठ बार सिंचाई करनी पड़ती है।


    खेत की तैयारी

    Dhan ki kheti की तैयारी मई माह से शुरू करनी पड़ती है। जब खेत में कल्टीवेटर करके उस पर रोटावेटर घूमाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए। बाद में उसमें गोबर की खाद फेंक देनी चाहिए। उसके बाद उस खेत में पानी छोड़ देना चाहिए। 4 से 5 इंच तक पानी छोड़कर सात आठ दिन के लिए छोड़ देना चाहिए। ताकि पूरा खाद उसमें कंपोस्ट हो जाए। बाद में ट्रैक्टर की मदद से उसका पूरा गिला मिट्टी कीचड़ तैयार कर लेना चाहिए। फिर हमारा रोपाई का काम शुरू हो जाता है।


    धान की उन्नत किस्म

    शीघ्र पकने वाली किस्म
    नरेंद्र 118 ,नरेंद्र 80 ,नरेंद्र-1 नरेंद्र-2, नरेंद्र 97, पंतधान 12, बारानी दीप, रत्ना, मनहर, आईआर-50, शुष्क सम्राट, नरेंद्र लालमति

    मध्यम देर से पकने वाली किस्म
    सीता, नरेंद्र 359, पंतधान-4, पंतधान-10, सरजू 52, मालवीय धाम 36, नरेंद्रा धान 2064, नरेंद्रा धान 3112, नरेंद्र धान 2026, नरेंद्र धान 2065

    देर से पकाने वाली किस्म
    महसुरी, सांबा महसूरी

    सुगंधी धान किस्म
    टाइप 3,नरेंद्र लालमति, कस्तूरी पूसा, बासमती-1, हरियाणा बासमती, बासमती 370, तरावड़ी बासमती, नरेंद्र सुगंध

    धान रोपाई

    धान रोपाई करने से पहले जब पौध को उपचारित करना पड़ता है। जिसके लिए हमें पौध के जड़ों में फुफूंदी नाशक तथा किटकनाशक लगाकर रोपाई करनी पड़ती है। ताकि मिट्टी में रहने वाले फफूंद से बचाव हो सके। और हमारे पौधे सुरक्षित व स्वस्थ रह सके। इसलिए हमें ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल करना चाहिए‌ अथवा फुफुंद जनित कार्बनडाजेम 12% मैनकोज़ेब 63% 500 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डालना चाहिए। और क्लोरोपायरीफाॅस का इस्तेमाल कीटनाशक पर करना चाहिए।


    Dhan ki kheti - धान की खेती

    खरपतवार प्रबंधन

    खरपतवार प्रबंधन के लिए जैसे ही धान की रोपाई हो जाती है। आप उसके 24 घंटे के अंदर बूटाक्लोर 1 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं। यह खरपतवार को उगने से रोकता है।

    उर्वरक

    Dhan ki kheti में माइक्रोन्यूट्रिएंट जैसे पोषक तत्व देना जरूरी होता है। आप अपने मिट्टी के जांच करके उर्वरकों की मात्रा जान सकते हैं। Dhan ki kheti के लिए नत्रजन, स्फुरद,पालाश की आवश्यकता होती है। उसके लिए आप 20 किलो यूरिया + 30 किलो सिंगल सुपर फास्फेट + 10 किलो पोटाश मिलाकर एक एकड़ में देना चाहिए। या फिर आपको 10-26-26 ,12 -32 -16 यह खाद प्रति एकड़ 50 से 60 किलो दे सकते हैं, इसके अलावा आप डीएपी + पोटाश की मात्रा 50 किलो + 20 किलो के हिसाब से प्रति एकड़ में दे सकते हैं। और 20 से 25 दिन के अंतराल पर यूरिया का खाद देना आवश्यक होता है। इसके लिए 40 -50 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से यूरिया देना चाहिए।

    अगर पूरी टोटल करें तो एक हेक्टर के लिए नाइट्रोजन 120 किलो,फास्फोरस 60 किलो, पोटाश 60 किलो इतना देना चाहिए।

    धान की फसल में लगने वाली किट

    धान की फसल में दीमक,पत्ती लपेटा, गंधी बम, सैनिक किट, तनाछेदक आदि किट लगते हैं। कीटों की समस्याओं से निकालने हेतु हमें अपने खेतों को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए। जितनी भी घास निकलती है उसको उखाड़ कर फेंक देना चाहिए। अगर इससे कीट प्रबंधन नहीं हो रहा हो। तो रासायनिक छिड़काव करना चाहिए। उसके लिए Quinolfos 20% EC 1.5 लीटर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करने की सिफारिश करते हैं। या फिर chlorpyrifos 20% EC 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं। अगर आप इसके अलावा नीम के आधार पर बनी हुई दवाई का छिड़काव करना चाहते हैं। तो इसका भी अच्छा रिजल्ट मिलता है।

    फसल की कटाई एवं मडाई

    फसल में 50 प्रतिशत बालिया पकने पर खेत का पानी निकाल देना चाहिए। जब बालिया का रंग सुनहरा हो जाए तो समझ लेना कि हमारी फसल कटाई के योग्य हो गई है। तब फसल की कटाई कर लेना चाहिए। कटाई के तुरंत बाद उसकी मड़ाई भी कर लेनी चाहिए। और मड़ाई करके जल्द ही धान निकाल देना चाहिए।


    Dhan ki kheti - धान की खेती

    उपज

    धान की असिंचित खेती से 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैदावार प्राप्त होती है। और सिंचित खेती से 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपज प्राप्त होती है।

    निष्कर्ष

    किसान भाई बताए गए जानकारी के अनुसार Dhan ki kheti करते हैं। तो 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैदावार ले सकता है।

    FAQs


    Que 1.धान की खेती कब और कैसे करें?
    Ans
    धान की खेती खरीफ मौसम में की जाती है। इसके लिए रोपाई विधि, श्री विधि,सीधा बिजाई ऐसी पद्धति अपना कर धान की खेती की जाती है। इसमें रोपाई विधि को किसान ज्यादा पसंद करते हैं।

    Que 2. 1 एकड़ में धान का बीज कितना लगता है?
    Ans
    1 एकड़ में धान का बीज 7 से 8 किलो लगता है।

    Que 3. धान की फसल कितने दिनों की होती है?
    Ans
    धान की फसल 120 दिन से लेकर 130 दिन की होती है। जिसमें एक हेक्टर में 40 से 50 क्विंटल धान हो सकता है।

    Que 4. धान में क्या क्या डालना चाहिए?
    Ans
    धान में गोबर की खाद और यूरिया,डीएपी, पोटाश यह खाद डालना चाहिए।

    Que 5. धान कौन से महीने में बोया जाता है?
    Ans
    धान की रोपाई का उपयुक्त समय जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई के तीसरे सप्ताह उपयुक्त होता है।

    Que 6. 1बीघा में कितने कुंटल धान होता है?
    Ans
    एक बीघा में 15 से 16 क्विंटल धान होता है उससे 7 से 8 क्विंटल चावल निकलता है।

    Que 7. धान का बीज कितने रुपए किलो है?
    Ans
    धान का बीज ₹35 किलो से लेकर ₹40 किलो तक बिकता है।

    Que 8. यूरिया खाद कितने दिन तक काम करता है?
    Ans
    यूरिया की खाद 8 से 10 दिनों तक काम करती है।

    Que 9. सबसे महंगा धान कौन सा है?
    Ans
    किनमेमाई प्रीमियम राइस (kinmemai premium rice) यह दुनिया का सबसे महंगा धान है। इसके एक किलो की कीमत 12 हजार से 15 हजार रुपये है। यह चावल मुख्य रूप से जापान में उगाया जाता है।

    Que 10. शीघ्र पकने वाली धान की किस्म कौन सी है?
    Ans
    नरेंद्र 118 ,नरेंद्र 80 ,नरेंद्र-1 नरेंद्र-2, नरेंद्र 97, पंतधान 12, बारानी दीप, रत्ना, मनहर, आईआर-50, शुष्क सम्राट, नरेंद्र लालमति यह शीघ्र पकने वाली धान की किस्म है

    यह भी पढ़े:
    Dhaniya ki kheti - अब गर्मीयो के मौसम में भी कर सकते हैं।

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