भारत के हर घर में धनिया का इस्तेमाल होता है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुढो तक इसका उपयोग जानते हैं। हर घर के रसोई का पसंदीदा मसाला धनिया है। धनिया में स्वाद लाने का गुण होता है। इसके लिए इसका इस्तेमाल प्रत्येक सब्जी में किया जाता है। विटामिन सी से भरपूर पेट की बीमारी भगाने के लिए आरामदायक उल्टी खांसी पर भी असरदार है। इसके लिए Dhaniya ki kheti भारत में प्राचीन काल से की जाती है। इसलिए भारत को पूरे विश्व में मसाले का देश के नाम से भी जानते हैं। भारत में Dhaniya ki kheti राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आसाम, इन राज्यों में की जाती है।
जलवायु
शुष्क और ठंडा मौसम अच्छा माना गया है। Dhaniya ki kheti को पाले से बहुत नुकसान होता है। अंकुरण के समय 25 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान अच्छा माना गया है।
भूमि एवं उसकी तैयारी
भूमि का पीएच 6.5 से लेकर 7.5 के बीच में होना चाहिए। Dhaniya ki kheti के लिए 2 मिनट मिट्टी अच्छी मानी गई है। काली भारी भूमि असिंचित फसल के लिए अच्छी मानी गई है। पानी का अच्छा जल निकास होता हो ऐसी भूमि Dhaniya ki kheti के लिए उपयुक्त होती है। जमीन को कल्टीवेटर करके रोटावेटर कर लेना चाहिए। जमीन को भुरभुरा बनाकर एक दो बार बखरनी कर लेनी चाहिए। और जमीन को समतल कर लेना चाहिए।
उन्नत किस्म
कुंभराजपकने की अवधि है 115 से 120 दिन। और इसके उपज क्षमता है। 11 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
आरसीआर
इसकी पकने की अवधि है 90 से 100 दिन। और इसके उपज क्षमता है। 11 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
एनसीआर 1
इसकी पकने की अवधि है 110 से 115 दिन। और इसकी उपज क्षमता है। 13 से 14 क्विंटल प्रति हेक्टर।
सी एस 6
इसकी पकने की अवधि है 115 से 120 दिन। और इसकी उपज क्षमता है 12 से 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
जेडी-1
इसकी पकने की अवधि है 120 से 125 दिन। और इसकी उपज क्षमता है 15 से 16 क्विंटल प्रति हेक्टर।
पंत हरीतमा
उसकी पकने की अवधि है 120 से 125 दिन। और उपज क्षमता है 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
बुवाई का समय
Dhaniya ki kheti रबी मौसम में की जाती है। धनिया को अंकुरित होने के लिए 10 से 12 दिन लगते हैं। धनिया को बोने का समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर अच्छा माना गया है। धनिया को पाले से बचाने के लिए किसान भाई को नवंबर के द्वितीय सप्ताह में बुवाई करनी चाहिए।
बिजदर
बाजार में अलग-अलग वैरायटी के अलग-अलग दाम है। सिंचित खेती के लिए 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज लगते हैं। तथा असिंचित खेती के लिए 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है। धनिया का बीज 150 से 200 रुपए किलो के हिसाब से मिलता है।
बीज उपचार
कार्बनडांजिम + थायरम 3 ग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से बीज को उपचारित करें।उर्वरक
Dhaniya ki kheti के लिए खेत में गोबर की खाद 20 टन प्रति हेक्टर में दे सकते हैं। असिंचित खेती के लिए 40 किलो नत्र, 30 किलो स्फुरद, 20 किलो पोटाश, तथा 20 किलो सल्फर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दे सकते हैं। और सिंचित खेती के लिए 60 किलो नत्र, 40 किलो स्फुरद, 20 किलो पालाश, तथा 20 किलो सल्फर प्रति हेक्टर के हिसाब से दे सकते हैं।बुवाई की दूरी
धनिया की बुवाई करते समय लाइन से लाइन की दूरी 25 से 30 सेमी होनी चाहिए। और पौधों से पौधों की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए। और 4 से 5 सेंटीमीटर गहराई में बुवाई करनी चाहिए।सिंचाई
Dhaniya ki kheti में 4 से 5 बार सिंचाई करना आवश्यक है। अगर मिट्टी में नमी रहती है, तो ज्यादा बार सिंचाई नहीं करनी पड़ती है। लेकिन रेतीली मिट्टी है, तो हमें 10 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।खरपतवार प्रबंधन
खरपतवार के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती है। निराई-गुड़ाई पहली सिंचाई के बाद करनी चाहिए। अगर आप मजदूरों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं। तो बुवाई के तुरंत बाद या फिर एक-दो दिन के अंदर 3.3 लीटर पेडीमिथालिन को 800 से 1000 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से इसका प्रयोग करना चाहिए।किट और रोग नियंत्रण
चेपा वायरसयह रोग सबसे खतरनाक रोग है। यह रोग फसल को बीज आने के समय लगता है। इसके नियंत्रण हेतु आप LANCERGOLD का छिड़काव कर सकते हैं। इससे थ्रीप्स, वाइट फ्लाई, रस चूसक किट और मच्छर को रोकने में सक्षम है।
एफिड किड
यह सबसे ज्यादा नुकसान करने वाला कीड़ है। यह फसल में फूल बनने की समय पर उड़ता रहता है। यह फसल पर प्रभाव डालता रहता है। इसके वजह से उपज में गिरावट आती है।
इसके नियंत्रण के लिए Actra, Ekka, Admire इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
कटाई
धनिया की कटाई 90 से 100 दिनों में फसल तैयार होने के बाद की जाती है। मजदूरों की सहायता लेकर हम कटाई कर सकते हैं। और पेंडी बनाकर उसे बांधकर रख सकते हैं।उपज
प्रति हेक्टर के हिसाब से 14 से 15 क्विंटल धनिया की उपज होती है।निष्कर्ष
धनिया की खेती करते समय किसान भाई दि गई जानकारी के अनुसार खेती कर रहे हैं। तो आप प्रति हेक्टर 14 से 15 क्विंटल उपज ले सकते हैं।FAQs
Que 1. धनिया की फसल कितने दिन में तैयार हो जाती है?
Ans धनिया की फसल 110 -120 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
Que 2. धनिया की बुवाई कौन से महीने में करें?
Ans धनिया की खेती रबी मौसम में की जाती है। धनिया बोने का सबसे उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर होता है।
Que 3. क्या धनिया गर्मियों में उग सकता है?
Ans गर्मियों में धनियां उगाने के लिए हमे हाइब्रिड बीज लेने चाहिए। तब हम धनिया गर्मियों में उगा सकते है।
Que 4. धनिया की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
Ans धनिया की मुख्य किस्मों में पंत हरितमा, कुंभराज, आरसीआर ,आरसीआर 435, आरसीआर 436, आरसीआर 446, आरसीआर 480, आरसीआर 684, आरसीआर 728, सिम्पोएस 33, जेडी-1, एसीआर 1, सीएस 6, जीसी 2 यह सब धनिया की सबसे अच्छी किस्म मानी गयी है।
Que 5. धनिया को कितनी बार पानी देना चाहिए?
Ans धनिया में 10 से 12 दिन के अंतराल पर 4 से 5 बार सिंचाई करनी चाहिए।
Que 6. 1 एकड़ में धनिया का बीज कितना लगता है?
Ans 1 एकड़ में असिंचित खेती के लिए 12 से 15 किलो बीज लगता है। और सिंचित खेती के लिए 8 से 10 किलो में हो जाता है।
Que 7. 1 क्विंटल धनिया का भाव क्या है?
Ans धनिया का मार्केट अगर पत्तों के हिसाब से देखा जाए तो 40 रुपए किलो के हिसाब से धनिया बिकता है। और उसके दाने के हिसाब से देखा जाए तो 8000 क्विंटल तक धनिया बिकता है।
Que 8. धनिया में कौन सा खाद डालें?
Ans धनिया के लिए गोबर का खाद अच्छा माना गया है। तथा उसके साथ सिंचित खेती के लिए 60 किलो नत्र 40 किलो स्फुरद, 20 किलो पालाश, और 20 किलो सल्फर की मात्रा आवश्यक होती है। यह एक हेक्टर में दे सकते है।
Que 9. 1एकड़ में सल्फर कितना डालना चाहिए?
Ans 1 एकड़ में 8 से 10 किलो सल्फर दे सकते हैं।
Que 10. धनिया बोने का सही समय क्या है?
Ans धनिया बोने का समय अक्टूबर से 15 नवंबर तक अच्छा माना गया है।
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