Tamatar ki kheti भारत में साल भर उगाई जाने वाली सब्जी फसल है। यह सब्जी फसल सभी राज्यों में उगाई जाती है। भारत के हर घर के किचन में टमाटर का इस्तेमाल होता है। इसके लिए साल भर इस सब्जी को भारत भर में मांग रहती है। कभी-कभी टमाटर के भाव आसमान को छूते हैं। तो कभी-कभी सस्ते दामों पर या फिर हमारे किसान भाई रास्तों पर टमाटर फेंक देते हैं। क्योंकि भाव ही नहीं रहता है। इसके लिए यह फसल बड़ी जोखिम भरी भी है। टमाटर में कैल्शियम,फास्फोरस,कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन,वसा,अम्ल या सभी बहुत मात्रा में पाया जाता है। टमाटर में ए,बी,सी जैसे जीवनसत्व पाए जाते हैं। टमाटर का इस्तेमाल सलाद, सूप,सास,सब्जी इसके लिए किया जाता है। टमाटर को किसान एक अतिरिक्त आय के स्रोत में देखते हैं। इसलिए किसान भाई साल भर इसका उत्पादन करते हैं। ज्यादा धूप रहती है, तो पाॅलीहाउस का इस्तेमाल करते हैं। और Tamatar ki kheti आवश्यक रूप से करते हैं। Tamatar ki kheti हमारे देश के प्रत्येक राज्य में की जाती है। जिसमें महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, इन राज्यों में ज्यादा मात्रा में की जाती है। टमाटर की खेती में किसान साल भर मुनाफा कमाते हैं। एक हेक्टर में लगभग 50 से 80 टन टमाटर का उत्पादन होता है। और किसान भाई को अच्छा भाव मिलता है तो किसान भाई को Tamatar ki kheti बहुत ज्यादा मुनाफा कमा कर दे सकती है। तो चलिए जानते हैं Tamatar ki kheti के बारे में।
Tamatar ki kheti - टमाटर की खेती, मुनाफे कि खेती
टमाटर की उन्नत किस्म
Variety Name
Variety Name
Variety Name
Arka Apeksha
Arka Ananya
Arka Alok
Arka Abha
Arka Abhed
Arka Vishesh
Arka Vikas
Arka Saurabh
Arka Samrat
Arka Meghali
Arka Rakshak
Bhagyashree
Co-1
Co-2
Dhanshree
HS-101
HS-102
HS-110
Hisar-Arun
Hisar-lalima
Hisar-lalit
Hisar Anmol
Kashi Amul
Kashi Abhiman
Tamatar ki kheti के लिए मिट्टी एवं जलवायु
खेत की तैयारी
जमीन को कल्टीवेटर करके रोटावेटर कर लेना चाहिए। और जुताई करके भूमि को समतल कर लेना चाहिए। जब जमीन की जुताई होती है। तो भूमि भुरभुरी हो जाती है। तब खेत को पानी की निकासी के लिए अच्छी बन जाती है। और बेड बनाकर हम उस पर टमाटर की रोपाई कर सकते हैं।बीज उपचार
बुवाई करने से पहले बीजों को बाविस्टीन से 2 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से बीज को उपचारित करना चाहिए। ताकि बीजों की अंकुरण शक्ति बढ़ सके और बीज फफूंद जैसे रोग से बचाया जाए।नर्सरी तैयार करें
जमीन को तैयार करके अच्छी किस्म की बीज का चयन करके बीजों को उपचारित करके हमें नर्सरी उगानी चाहिए। इसके लिए बेड तैयार कर लेनी चाहिए। और बेड पर गोबर का खाद तथा डीएपी मिक्स कर देना चाहिए। बेड पर खड़ी और खड़ी लाइन बनाकर बीज को दो से तीन सेंटीमीटर गहराई में डालनी चाहिए। बीज को ऊपर से पतली घास से ढक देना चाहिए ताकि उसमें नमी बनी रहे। उसके बाद उस पर पानी का छिड़काव करें टमाटर की फसल खरीफ मौसम में लेने के लिए हमें नर्सरी जून महीने में तैयार करनी पड़ती है। और सर्दी के मौसम में फसल लेने के लिए सितंबर माह में नर्सरी तैयार करना आवश्यक है। और गर्मी के मौसम में Tamatar ki kheti के लिए हमें दिसंबर जनवरी माह में नर्सरी में पौध तैयार करना आवश्यक हो जाता है। तब जाकर सही समय पर रोपाई होती है। चार से पांच सप्ताह के बाद नर्सरी रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
बीज की मात्रा
Tamatar ki kheti के लिए बीज का चयन करना आवश्यक होता है। अगर किसान भाई ने संकर बीज का चयन किया है। तो 200 से 250 ग्राम बीज 1 हेक्टेयर के लिए पर्याप्त है। उसी प्रकार अगर किसान भाई ने अन्य किस्म का चयन किया है। या फिर घर का बीज उपयोग में ला रहे हैं तो 400 से 500 ग्राम बीज एक हेक्टर के लिए पर्याप्त होता है।
रोपाई
Tamatar ki kheti खरीप मौसम में करते हैं,तो इसकी रोपाई जुलाई और अगस्त तक कर सकते हैं। और रब्बी मौसम में टमाटर की खेती करते हैं, तो अक्टूबर से नवंबर में रोपाई करनी पड़ती है। और गर्मी के मौसम में फरवरी के अंत तक रोपाई कर लेनी चाहिए। रोपाई करते समय पौधे से पौधे की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए। पौध के रोपाई के लिए सुबह का समय तथा शाम का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस समय का चयन करना चाहिए। ताकि गर्मी के वजह से हमारे पौध मर ना जाए। अगर पौध रोपाई के समय पर मर जाते हैं। तो उन्हें निकाल कर दूसरे पौध लगाया जाए।
टमाटर की फसल में सिंचाई
गर्मी के मौसम में 5-6 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए। और सर्दियों के मौसम में 8 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। सिंचाई मिट्टी पर निर्भर करती है। अगर बलुई मिट्टी है, तो पानी जल्दी सूख जाता है। वही काली मिट्टी है तो नमी बनी रहती है। फसल की आवश्यकता अनुसार किसान भाई को सिंचाई करनी चाहिए।खरपतवार नियंत्रण
Tamatar ki kheti में खरपतवार का नियंत्रण करना अति महत्वपूर्ण होता है। पौधे लगाने के 20 से 25 दिन बाद नीराई गुड़ाई करनी चाहिए। जो भी खरपतवार निकलती है। उसे निकालकर खेत को साफ रखना चाहिए। अगर हमने मल्चिंग की है, तो ज्यादा खरपतवार की समस्या नहीं होती है। अगर खरपतवार पौधे के पास न होकर पौधे के अलग स्थान पर है। तो हम खरपतवार नाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप पेंडीमिथालिन 30% इसी 1 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से 240 से 300 लीटर पानी के साथ इसका रोपाई के पहले इस्तेमाल कर सकते हैं।टमाटर की फसल में लगने वाली किट
टमाटर की फसल में शुरू से ही ध्यान रखना पड़ता है। लपेटा जैसी समस्याओं से टमाटर को सुरक्षित रखना पड़ता है। टमाटर की फसल में व्हाइट फ्लाई,फल छेदक, तंबाकू ईल्ली,सुरंग किट,मावा तुडतुडे जैसे किट फसल को प्रभावित करते रहते हैं। इसके वजह से Tamatar ki kheti में बहुत नुकसान झेलना पड़ता है। इसलिए जल्द से जल्द रोकथाम करना आवश्यक हो जाता है।टमाटर की फसल पर किटकनाशक का छिड़काव
टमाटर की फसल पर वाइट फ्लाई, फल छेदक सुंडी, तंबाकू इल्ली इन सबका पादुर्भाव है, तो आप क्लोरेंट्रनिप्रोल+ थियोमेथाक्सिम SC में आता है उसे 20 ml प्रति पंप के साथ छिड़काव कर सकते हैं।थ्रिप्स एवं सफेद मक्खी यह भी टमाटर के फसल पर बहुत प्रभाव डालती है। इसके लिए इमिडाक्लोप्रिड 70% WG 35 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी के साथ इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
उर्वरक
टमाटर के खेत में 20 से 25 टन गोबर की खाद को खेत तैयार करते समय ही फेंक देना चाहिए। Tamatar ki kheti के लिए मृदा परीक्षण करने के बाद उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए। परंतु सामान्य तौर पर किसान भाई टमाटर के खेत के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से 50 किलो डीएपी, 50 किलो अमोनियम सल्फेट, 40 किलो पोटाश का इस्तेमाल करने की सिफारिश करते हैं। यह खाद दो-तीन बार के खुराक के लिए हो जाता है। इस खाद को मिक्स करके दे।उपज
टमाटर की फसल से किसानो को अच्छे पैदावार प्राप्त होती है। अगर किसान अच्छी किस्म का बीज रोपाई करते हैं। और मौसम साथ देता है तो किसान को एक हेक्टर में 50 से 80 टन टमाटर का उत्पादन होता है। यह सब मिट्टी की गुणवत्ता तथा किसान की मेहनत और मौसम की अच्छी स्थिति पर निर्भर करता है।निष्कर्ष/Conclusion
किसान भाई दिए गए जानकारी के अनुसार Tamatar ki kheti करते हैं। तो मौसम के अनुकूल होने पर किसान भाई को एक हेक्टर में 50 या 80 टन टमाटर का उत्पादन अवश्य प्राप्त हो सकता है।FAQs
Que 1. टमाटर की रोपाई कौन से महीने में होती है?
Ans टमाटर की खेती खरीप मौसम में करते हैं,तो इसकी रोपाई जुलाई और अगस्त तक कर सकते हैं। और रब्बी मौसम में टमाटर की खेती करते हैं, तो अक्टूबर से नवंबर में रोपाई करनी पड़ती है। और गर्मी के मौसम में फरवरी के अंत तक रोपाई कर लेनी चाहिए। रोपाई करते समय पौधे से पौधे की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए। पौध के रोपाई के लिए सुबह का समय तथा शाम का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
Que 2. 1 एकड़ में टमाटर की कितनी पैदावार होती है?
Ans 1 एकड़ में 20 टन टमाटर की पैदावार होती है।
Que 3. टमाटर कितने महीने तक चलता है?
Ans टमाटर की फसल 8 से 9 महीने तक चलती है।
Que 4. टमाटर के बीज बोने का सबसे अच्छा समय क्या है?
Ans टमाटर खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी तैयार करनी पड़ती है। उसके बाद खरीफ मौसम में जून महीने में नर्सरी तैयार करनी चाहिए। जुलाई अगस्त में रोपाई करनी चाहिए।
Que 5. टमाटर का पौधा कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?
Ans टमाटर के पौधे से पौधे की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
Que 6. टमाटर के पौधे में क्या डालें?
Ans टमाटर के पौधे में सड़ी हुई गोबर की खाद या ऑर्गेनिक कल्चर या फिर डीएपी,मैग्नीशियम सल्फेट इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
Que 7. गर्मी में कौन सा टमाटर लगाया जाए?
Ans गर्मी के लिए काशी तपस टमाटर का उपयोग करना चाहिए।
Que 8. कटाई के बाद टमाटर का क्या करें?
Ans कटाई के बाद टमाटर का इस्तेमाल आप सॉस बनाकर या केचप बनाकर उपयोग कर सकते हैं। या फिर आप इसको एक्सपोर्ट कर सकते हो। और अच्छा मुनाफा कमा सकते हो।
Que 9. टमाटर में खाद कब डालना चाहिए?
Ans टमाटर की खेती के लिए सड़ी हुई गोबर की खाद खेत तैयार करते समय डाल देनी चाहिए। बाद में रोपाई के बाद 10 से 12 दिन के बाद DAP का उपयोग करना चाहिए। और 20 से 25 दिन के अंतराल पर मैग्नीशियम सल्फेट तथा फास्फोरस और नाइट्रोजन की मात्रा उपलब्ध करा कर देनी चाहिए।
Que 10. टमाटर के बीज उपचार कब करना चाहिए?
Ans टमाटर के बीज नर्सरी में उपयोग लाने से पहले बाविस्टीन 2 ग्राम प्रति किलो बीज के लिए पर्याप्त होता है। उसे लगाकर बीज उपचार किया जाता है।
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